Poem on backbenchers in Hindi
कॉलेज के वो दिन, लौट के ना आएंगे।
फिर से जैसे दोस्त, ना कभी मिल पाएंगे।
कैंटीन कि वह चाय, क्लास के लिए
हम कभी समय पर ना पहुँच पाए।…..Read More
कॉलेज के वो दिन, लौट के ना आएंगे।
फिर से जैसे दोस्त, ना कभी मिल पाएंगे।
कैंटीन कि वह चाय, क्लास के लिए
हम कभी समय पर ना पहुँच पाए।…..Read More
एक ऐसी दुनिया में जो अक्सर माताओं को मनाती है, हमारे जीवन पर पिता के जबरदस्त प्रभाव को रोकना और …